रोमियों ४:६-८ में पौलुस परमेश्वर के सामने धन्य लोगों के बारे में बात करता है। एक व्यक्ति जो वास्तव में परमेश्वर के सामने धन्य है, वह वो है जिसके अधर्म कामों कोमाफ़ किया गया हैं और जिनके पाप ढँक गए हैं। इसलिए पौलुस घोषणा करता है की, “धन्य है वह मनुष्य जिसे परमेश्वर पापी न ठहराए” (रोमियों ४:८)।
फिर पौलुस ने इब्राहम को एक धन्य व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया। बाइबल में इब्राहम को एक विशिष्ट व्यक्ति के रूप में इस्तेमाल करते हुए, पौलुस बताता हैं कि सच्चा और धन्य विश्वास क्या है। यदि इब्राहीम के अपने काम उसे धर्मी ठहराते तो उसके पास कुछ घमंड करने के लिए होता, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं था। परमेश्वर की धार्मिकता जो उसने प्राप्त की वह केवल परमेश्वर के वचनों पर विश्वास करने से ही संभव थी।
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